इसके बाद इस चूर्ण को या तो सामने वाले को किसी भी तरह खिला दे या फिर उसके बालो पर छिड़क दे. २॰ “ऐं पिन्स्थां कलीं काम-पिशाचिनी शिघ्रं ‘अमुक’ ग्राह्य ग्राह्य, कामेन मम रुपेण वश्वैः विदारय विदारय, द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे बन्धय बन्धय, ॐ श्रीं फट्।” शब्द सांचा पिंड कांचा https://emilianoiortu.activosblog.com/31632431/getting-my-shabar-mohini-vashikaran-to-work