॥ ॐ सः सः सम्मोहनाय ह्रीं ह्रीं ऊं फट स्वाहाः॥ ऐसा नहीं है की आप तिलक लगाकर बाहर निकले और सामने वाला वशीकरण की तरह व्यवहार करे. इसके प्रभाव से सामने वाला आपकी बात नहीं काट पायेगा. “ओम कामदेवाय शाकाल शाद्रष दक्ष दशु धारा कुसुम हैं हैं स्वाहा After that, https://socialmarkz.com/story10022455/facts-about-mahakali-revealed